आश्विन की नवरात्रि 26 सितम्बर शनिवार से आरम्भ होकर ता. 3 अक्टूबर रविवार तक चलेगी। इस वर्ष नवरात्रियों में एक तिथि घटी एक बढ़ी है। पर इस घट−बढ़ का गायत्री उपासना पर प्रभाव नहीं पड़ता वह पूरी नौ रात्रि तक करनी पड़ती है। किसी-किसी पंचांग के अनुसार 25 सितम्बर से भी नवरात्रि आरम्भ मानी गई है, पर हमारे मतानुसार 26 से ही आरम्भ होना ठीक है।
सदा की भाँति इन नवरात्रियों में भी 24 हजार गायत्री जप का अनुष्ठान किया जाना चाहिये। ब्रह्मचर्य, उपवास, भूमिशयन, चमड़े का त्याग, अपनी शारीरिक सेवायें आप स्वयं करना इन पाँच व्रतों में से जो जितना पालन कर सके, उसके लिए प्रयत्न करे। अन्तिम दिन 240 आहुतियों का हवन, कन्या भोजन एवं सत्साहित्य का प्रसाद वितरण, प्रवचन, युग निर्माण सत्संकल्प का पाठ आदि कार्यक्रमों द्वारा उसकी पूर्णाहुति करनी चाहिये। 2400 मन्त्र लेखन एवं 240 गायत्री चालीसा पाठ का भी अनुष्ठान हो सकता है।