अपराधों का कारण गरीबी ही नहीं है।

February 1962

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जब कुविचार मन में आते हैं तब उसका प्रतिफल कुकर्मों के रूप में सामने आता है। मन में पाप रहेगा तो शरीर से भी पाप ही बन पड़ेंगे। मन को उच्च भावनाओं से ओत−प्रोत रखने के लिए प्राचीन काल में अनेक उपाय किये जाते थे और यह प्रयत्न किया जाता था कि कोई ऐसे माध्यम पनपने न पावें, जो जनता की अपराधी मनोवृत्ति को भड़कावें। इस प्रकार के प्रतिबन्ध जब तक कठोर रहें और उच्च भावनाओं को हृदयंगम करने वाली शिक्षा सर्वसुलभ रही तब तक हमारे समाज का स्तर ऊँचा रहा। आज जब इस दिशा में शिथिलता बरती जाने लगी तो बाँध टूटने से चारों ओर फैलने वाले पानी की तरह अनाचार भी बेतरह बढ़ने लगा।

राजधानी का हाल

दैनिक हिन्दुस्तान ने अपनी सम्पादकीय टिप्पणी में लिखा है—‟राजधानी में बढ़ती हुई गुण्डागर्दी ने यहाँ की विशिष्ट अपराध स्थिति के सर्वेक्षण और उसे सुधारने के उपायों पर विचार करने के लिए बाध्य किया है।” एक विवरण के अनुसार भूतपूर्व पुलि सर्जन अपराधियों के प्रमुख हैं और दिल्ली से कहीं बड़े क्षेत्र वाले पंजाब प्रान्त में जहाँ केवल 600 इश्तिहारी मुलजिम हैं वहाँ दिल्ली में उनकी संख्या 1200 से ज्यादा है। कोई 1500 व्यक्ति बदमाशों (गुण्डों) की सूची में हैं जिनमें 650 दस नम्बरी बदमाश बताये जाते हैं। इनके तौर तरीके भी अजीबोगरीब हैं। बड़े आदमियों की तरह रहने वाले और खेरात पर या दूसरी तरह रौब−दौब रखने वाले इन लोगों का मुकाबला करना हर किसी के वश का काम नहीं है। कहते हैं कि चारों तरफ की आलोचना से तंग आकर पुलिस सक्रिय बनी है।”

लोकसभा में केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल दिल्ली में 2322 गुण्डे गिरफ्तार किये गये। पुलिस ने 1442 स्थानों पर छापे मारे और जुआ, आबकारी तथा हथियार कानून के अन्तर्गत मुकदमें चलाये। गतवर्ष 8308 मुकदमे निपटाये गये। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की संख्या गत वर्ष 2,11,866 रही जब कि उससे पिछले साल यह संख्या केवल 96,976 थीं। इन पर 49,00,00 रु. जुर्माना किया गया।

गुण्डों का बढ़ता हुआ दुस्साहस जन−साधारण के लिए एक आतंक का विषय बना हुआ है। समाचार है कि झाँसी रोड पर रिवाल्वरों और छुरों से लैस 9 गुण्डे मोटर पर सवार होकर आये और हवा में गोलियाँ चलाकर मुहल्ले वालों को आतंकित कर दिया। उन्होंने एक घर में घुसकर मालिक को अधमरा कर दिया, घर में आग लगा दी और विश्वम्भर को बाँध कर ले गये। जीवन नगर में गुण्डे एक स्त्री को छेड़ते थे, उसके पिता ने रोका तो वे बन्दूकों से लैस होकर घर पर चढ़ आये। बन्दूकें चलाकर बाहर वालों को रोकते रहे और पति−पत्नी को गंडासे से काट डाला और उनके आठ वर्षीय बालक का एक हाथ और दोनों पैर काट ले गये।

यह समस्या केवल दिल्ली की नहीं अपराधों की प्रवृत्ति सर्वत्र अपना सिर उठा रही है। उत्तर−प्रदेश की पिछले वर्ष की रिपोर्ट है कि ऐसे अपराध जिनमें सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा, गत वर्ष 64857 थे, पर इस वर्ष वह 66154 हो गये। केरल के गृहमंत्री ने बताया कि कम्युनिस्ट शासन के 22 महीनों में 672 हत्याऐं हुई जिनमें 25 राजनैतिक कारणों से हुईं। राजस्थान के गृहमंत्री ने बताया कि गत दो वर्षों में राजस्थान के विभिन्न जिलों में 82 व्यक्तियों के नाक−कान काटे गये जिनमें चार सरपंच भी सम्मिलित हैं।

गरीबी नहीं पाप बुद्धि

कुछ लोग सोचते हैं कि गरीबी और परेशानी के कारण लोग चोरी, ठगी आदि करने लगते हैं यह बात एक अंश तक ही सही है। गरीब और दुर्बल आदमी छोटी−मोटी उठाईगीरी कर सकता है। पर बड़े उत्पात वही करेगा जिसकी भुजाओं में बल और दिमाग में चुस्ती होगी। सम्पन्न और सामर्थ्यवान लोगों की दुष्प्रवृत्तियाँ ऐसे भयंकर अपराधों को जन्म देती हैं जैसा कि बेचारे गरीब कभी कल्पना भी नहीं कर सकते। यह सोचना उचित नहीं कि गरीबी के साथ−साथ अपराधी मनोवृत्ति का भी अन्त हो जायेगा। सच बात यह है कि अपराधी प्रवृत्ति एक प्रकार का मानसिक रोग है जो सत्संग, स्वाध्याय और नैतिक शिक्षा के अभाव में पनपता है। नीचे कुछ ऐसे समाचार उपस्थित हैं जिन्हें पढ़कर यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि गरीबी से पीड़ित नहीं, अनैतिक विचारधारा वाले व्यक्ति साधन सम्पन्न होते हुए भी अपराध करते हैं।

मद्रास की खुफिया पुलिस ने केरल राज्य के यवानु फुल्हे नामक स्थान पर सौ−सौ रुपये के जाली नोट छापने की मशीन पकड़ी है। कोचीन में भी कुछ दिन पूर्व ऐसी ही मशीन पकड़ी गई थी। कलकत्ता पुलिस ने एक प्रेस में भारी संख्या में जाली रेलवे टिकट और छापने का सामान बरामद करके तीन व्यक्तियों को पकड़ा है। पंजाब के प्यारेलाल नामक साइकिल व्यापारी के पास 18 हजार रुपये थे, उसकी जेब लखनऊ के अमीनुदौला पार्क में कट गई। काटने वाला सुन्दर अक्षरों में लिखा हुआ पर्चा जेब में रख गया। जिसमें लिखा था—‟आपकी आवश्यकता से मेरी आवश्यकता अधिक बड़ी है। धन्यवाद!” केन्द्रीय गुप्तचर विभाग ने कई मास के परिश्रम के बाद ठगों के एक ऐसे बहुत बड़े गिरोह का पता लगाया है जो वर्षों से अलीगढ़, हाथरस, बुलन्दशहर, खुर्जा, भोपाल, ग्वालियर, दिल्ली आदि में सक्रिय था। जिसकी 36 शाखाऐं तथा एक हजार रुपया दैनिक आय है। इसने दर्जनों नाम से जाली व्यापार रचा हुआ था। पुलिस ने कागजों से भरे अनेक बक्स अपने कब्जे में कर लिये। नागपुर में कुछ दिन पूर्व एक व्यापारी ने अपने यहाँ 23 हजार की डकैती की रिपोर्ट की थी तथा छुरे के तीन घाव भी दिखाये थे। बताया जाता है कि अब पुलिस ने उसे ही धोखाधड़ी के अपराध में पकड़ा है और रुपये भी चावल के बोरों में तथा तकिये में प्राप्त कर लिये हैं। कहते हैं कि व्यापारी कर्जदार था और इस प्रकार डकैती का बहाना बनाकर लोगों का कर्ज मारना चाहता था। बम्बई पुलिस को पता चला है कि नगर में एक ऐसा स्कूल चल रहा है जो जेबकटी, ताला तोड़ने, उठाईगीरी, ठगी आदि की नियमित शिक्षा और शिक्षार्थियों को छात्रवृत्ति देता है।

तेज दिमागों की नूतन सूझें

दिल्ली पुलिस का खूफिया विभाग उन शिकायतों की जाँच पड़ताल कर रहा है जो कोलोनाइजरों की एक फर्म द्वारा फर्जी प्लाटों की बिक्री के संबंध में प्राप्त हुई हैं। फर्म ने 200 से ऊपर लोगों को प्लाट बेचे। लेकिन जब वे लोग कब्जा लेने के लिए पहुँचे तो उन्हें मालूम हुआ कि जो जमीन उन्हें बेची गई वह हैं ही नहीं। इसमें लाखों रुपये का चकमा दिया गया मालूम पड़ता है। सब्जी मंडी के एक बैंक मैनेजर ने रिपोर्ट की है कि किसी सफेद पोश ने जाली चैक बनाकर 20400 रु. बैंक से निकलवा लिये हैं। एक और व्यक्ति लगभग 1 लाख 26 हजार रुपयों के जाली बौण्ड बेचकर फरार हो गया। मोदी नगर के एक व्यक्ति को उसने अपने 4 हजार के जाली बौण्ड 2200 में बेचे। इस खरीदने वाले ने एक आवश्यकता के लिए उन बौण्डों को कस्टोडियन के दफ्तर में जमा किया तो आडिट आफिस में पता चला कि ये बौण्ड जाली हैं। पीछे मालूम हुआ कि उस फरार व्यक्ति ने विभिन्न लोगों को ऐसे ही जाली बौण्ड लगभग 1 लाख 26 हजार के बेचे थे। खरीदने वाले सभी पछता रहे हैं।

आगरा फोर्ट की रेलवे पुलिस ने खुरजा के लल्लूमल नामक एक व्यक्ति को जाली टिकट चैकर बनकर यात्रियों से रुपया ऐंठते रहने के अभियोग में गिरफ्तार किया है। बुलन्दशहर जिले के तीन व्यक्तियों को पुलिस ने अन्तर्राष्ट्रीय ठगी के षड्यंत्र अभियोग में गिरफ्तार किया है। बताया जाता कि यह गिरोह इंडोनेशिया, मालाय, अफ्रीका, घाना आदि विदेशों के समाचार−पत्रों में जाली लाटरियों का विज्ञापन छपाकर काफी धन बटोरता था पर इनाम किसी को नहीं देता था। इन्दौर के एक फर्म पर पाँच लाख रुपया रेलवे से ठगने का अभियोग लगा है। कहा जाता है कि गत वर्ष रेलवे माल गोदाम में चोरी हुई रेलवे रसीदों के द्वारा उसने जाली हुण्डी बिल्टी बनाकर रेलवे से यह रकम वसूल की थी। बुलन्दशहर पुलिस ने जाली परमिट बनाकर कन्ट्रोल की चीजें प्राप्त करने वालों का एक गिरोह पकड़ा है।

बिना लाइसेन्स फीस दिये रेडियो का उपयोग करने वाले सम्भ्रान्त कहे जाने वाले लोगों की संख्या गत वर्ष 24 हजार थी। बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या गत वर्ष 9021228 थी जिनसे 18200000 रु . जुर्माना वसूल किया गया । उससे पिछले वर्ष की अपेक्षा गत वर्ष ड्यौढ़े लोगों ने यात्रा की ।

चिन्ता और दुख का विषय

अपराधी मनोवृत्ति के लोग अशिक्षित एवं निम्न स्तर के होते थे। पर अब जब कि शिक्षित और सभ्य समाज में यह प्रवृत्ति बढ़ रही है तो बात कुछ अधिक चिन्ता की हो जाती है। शिक्षित लोग समाज का शीर्ष माने जाते हैं, पर जब उनमें अनुपयुक्त प्रवृत्ति पनपने लगे तो निश्चय ही उसका प्रभाव निम्न स्तर के गुण्डों की अपेक्षा अधिक व्यापक क्षेत्र तक फैलता है।

दिल्ली में पाँच सुशिक्षित युवकों की गिरफ्तारी से अनेक सनसनीपूर्ण हत्याओं, चोरियों, डकैतियों और धमकी देकर रुपया ऐंठने का भेद खुला है,महरौली के निकट एक होनहार युवक की हत्या, हावड़ा स्टेशन पर मिली एक युवती की लाश, शस्त्रों की चोरी एवं अनेक डकैतियों से इनका सम्बन्ध बताया जाता है। दल के अनेक सदस्य बताये जाते हैं और सभी सुशिक्षित हैं। दिल्ली, चुरु और अम्बाला में इनके अड्डे पकड़े गये हैं। कानपुर का समाचार है कि राज्य सरकार का गुप्तचर विभाग तथा उच्च अधिकारी लगभग दो दर्जन सफेदपोशों तथा 15 मोटर कारों एवं उनके मालिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। पता चला है कि कानपुर के कतिपय रईसों, राजनैतिक नेताओं, व्यापारियों, एडवोकेटों एवं मिल−मालिकों ने शहर में और बाहर ऐसे अड्डे कायम कर लिये हैं जिनमें अपहृत युवतियों को ले जाया जाता है। थाना मुड़सान के थानेदार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक एम.ए. के छात्र को अमरीकी रिवाल्वर तथा 15 कारतूसों समेत पकड़ा है। कलकत्ता से यह हथियार चुराकर वह इधर बेचने आया था। गाजियाबाद का समाचार है कि रेलवे पुलिस ने दनकौर से आने वाली पैसेंञ्जर पर एक शिक्षित युवक को पकड़ा है जो रेलवे के तार काटकर बड़ी मात्रा में चुराते रहने वाले गिरोह का सदस्य बताया जाता है। उसके तीन अन्य साथी भी पकड़े गये हैं। रानीखेत का समाचार है कि यहाँ चोरों का एक ऐसा दल सक्रिय है जो क्लोरोफार्म का कपड़ा सुँघाकर लोगों को बेहोश कर देता है और निधड़क होकर चोरी करता है मुरैना के गणेशपुरा मुहल्ले में चोरों ने 12 जगह चोरी की जिनमें उनने सभी घरों में क्लोरोफार्म सुँघा कर घर मालिकों को बेहोश किया था। मुंगेर में एक धनी व्यक्ति के पड़ौस में ठहरे हुए कुछ सफेदपोशों ने जमीन के भीतर ही भीतर बहुत लम्बी सुरंग बनाकर उस व्यक्ति के घर में प्रवेश पा लिया और लगभग दो लाख रुपये का सामान उस सुरंग से होकर ही ले गये। झाँसी जिले में बिखरे हुए वैष्णव एवं जैन मन्दिरों की कलात्मक मूर्तियाँ चुराकर विदेशों को निर्यात करने वाले एक सभ्य लोगों के गिरोह का पता पुलिस ने लगाया है। प्राप्त सूचनाओं से विदित हुआ है कि यह लोग लगभग एक लाख रुपये की मूर्तियाँ विदेशों को भेज चुके हैं।

उत्तर −प्रदेश विधान सभा की भूतपूर्व सदस्या एवं उर्दू की शायर बेगम सईदजहाँ को आठ वर्ष की कैद तथा 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा हुई है। उन पर नकली मौत की कहानी गढ़कर बीमा कम्पनी से 90 हजार वसूल करने के षडयंत्र का अपराध लगाया गया था। औरैया की पुलिस ने साइकिलें छीनने ओर राहजनी करने वाले सशस्त्र विद्यार्थियों का एक गिरोह पकड़ा है कहा जाता है कि पिस्तौल के बल पर यह गिरोह कई महीने से लूट मार कर रहा था। पकड़े हुए विद्यार्थियों में एक बी. ए . का छात्र है।

तस्कर व्यापार का दौरदौड़ा

जालंधर के मशहूर सर्राफों को पाकिस्तानी सोने का तस्कर व्यापार करने के अभियोग में दो−दो वर्ष की सजा मिली है। अभियुक्तों की दुकानों पर छापा मार कर पुलिस ने लगभग डेढ़ लाख रुपये का सोना और 50 हजार के नोट बरामद किये थे। बम्बई के झवेरी बाजार में एक जौहरी के यहाँ छापा मारकर तीन लाख रुपये का गैर कानूनी ढंग से लाया हुआ सोना पकड़ा गया। चुँगी के अधिकारी फेरी वालों और कुलियों का वेष बनाकर इसका सुराग लगाने में सफल हुए। मद्रास के रामनद जिले के समुद्री तट पर कस्टम अधिकारियों ने लंका से चोरी छिपे लाया हुआ दो लाख रुपये का सोना पकड़ा है। राजस्थान विधानसभा के गृहमंत्री ने बताया कि जोधपुर के जौहरियों की दुकानों पर जो छापे मारे गये उससे ज्ञात होता है कि 46 जौहरियों ने 1॥ करोड़ रुपये की कीमत का सोना चोरी छिपे बाहर से मँगाया। बम्बई के तट के अधिकारियों न डाक द्वारा आने वाले 25 ऐसे लिफाफे पकड़े हैं जिनमें एक−एक तोले सोने का पाउडर छिपाकर अदन से मंगाया गया था। लायलपुर के कस्टम विभाग ने एक व्यापारी के यहाँ 40 हजार रुपया मूल्य की 487 तस्करी घड़ियाँ बरामद की हैं।

सरकारी रिपोर्ट से विदित हुआ है कि जनवरी से मार्च तक की एक तिमाही में सीमा शुल्क अधिकारियों ने 39 लाख 6 हजार मूल्य की वस्तुऐं जब्त कीं और 3881 मामले पकड़े। उन पकड़ी गई तस्करी वस्तुओं में सोना, चाँदी, हीरे, जवाहरात मुद्रा आदि प्रमुख हैं।

अपराधी मनोवृत्ति से छुटकारा पाने से ही जनता में शान्ति स्थिर रह सकती है और यह तभी संभव है जब नैतिक विचारधारा से प्रत्येक नागरिक की मनोभूमि को सरोवर बनाने का प्रयत्न किया जाय।


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