- मन्त्री गायत्री-परिवार
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विटकुली (द्रुग, म. प्र.) में श्री रामरिझावन जी तिवारी के यहाँ अगहन शुक्ल पूर्णिमा को सामूहिक हवन और ब्रह्मभोज का आयोजन सफलता पूर्वक हुआ।
- उम्मेदलाल शर्मा
खेसहन (फतेहपुर) में अगहन 15 को शंकरजी के मन्दिर में 1900 आहुतियों का हवन किया गया। रामायण का अखण्ड पाठ व कीर्तन भी किया गया। श्री दुर्गाप्रसादजी ने इसमें विशेष कार्य किया।
-रामऔतार गुप्त
रटलई (झालावाड़) में श्री चतुर्भुज कानूनगो के यहाँ 3 हजार आहुतियों और श्री रामप्रसाद शर्मा के यहाँ 1600 गायत्री मन्त्रों का हवन हुआ। बकानी से भी गायत्री-उपासक गये थे।
- भँवरलाल शर्मा
मंगलाज (राजस्थान) में अगहन बदी 5 को बड़े उत्साह से सामूहिक हवन किया गया जिसमें गायत्री मन्त्र व राम मन्त्र से आहुतियाँ दी गईं।
- नन्दकिशोर व्यास
अजीतगढ़ (राजस्थान) में सवा लाख आहुतियों का विशाल यज्ञ बड़े समारोह से हुआ। जिसमें गायत्री परिवार के कुलपति पं. श्रीराम शर्मा, स्वामी प्रेमानन्द, श्रीशम्भूसिंह हाड़ा आदि के प्रभावशाली प्रवचन हुये। आचार्य जी का जुलूस बड़ी धूम-धाम से निकाला गया। यज्ञशाला की सजावट तथा व्यवस्था दर्शनीय थी।
-वैद्य जगदीश नारायण मिश्र
खूँटी (राँची) में चन्द्रग्रहण के अवसर पर सामूहिक हवन किया गया। रात्रि के समय ‘गायत्री ज्ञान मंदिर’ से लाउडस्पीकर द्वारा रामायण पाठ कीर्तन हुआ जिसे दूर-दूर के लोगों ने भी सुना।
-देवेन्द्रनाथ साहु
बड़गाँव (गोंडा) में 24 हजार आहुतियों का हवन किया गया, जिसमें बाहर से अन्य महात्मागण भी पधारे थे। ब्राह्मणों और कन्याओं को भोजन कराया गया व प्रसाद वितरण किया गया।
- चन्द्रदीपप्रसाद श्रीवास्तव
पछायेगाँव (इटावा) में 3500 आहुतियों सामूहिक हवन हुआ जिसमें पुरुष तथा महिला सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
- रन्गलाल मिश्रा
कसराबद (निमाड़) से 3 मील पर बड़गाँव में एक साधु बाबा की गुफा पर गायत्री हवन किया गया। श्रीशंकररावजी मंडलोई द्वारा सबको भोजन कराया गया व श्री शिवलालजी सराफ द्वारा गायत्री साहित्य मुक्तहस्त से वितरण किया गया। इस कार्य में श्री ठाकुरभाई पाटीदार व श्री पंढरीनाथजी चौबे एवं सभी नागरिकों का पूर्ण सहयोग रहा।
-संतोषचन्द्र व्यास
पछाये गाँव (इटावा) में पुरुषों ने 1620 आहुतियों का और महिलाओं ने 1632 आहुतियों के दो हवन किए।
-रंगलाल मिश्रा
देवरान (मन्दसौर) के गायत्री परिवार द्वारा गीता जयन्ती का उत्सव बड़े समारोह से मनाया गया। संकीर्तन और प्रसाद वितरण भी हुआ। ग्राम की प्रायः 300 जनता ने भाग लिया जिसके सम्मुख श्री पुरिलाल कुलमी का गीता और ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान पर प्रभावशाली प्रवचन हुआ।
-मन्त्री, गायत्री-परिवार
मझोला (नैनीताल) में 5 कुण्डों में 24 हजार आहुतियों का महायज्ञ समाप्त हो गया। चमनलालजी सूरी व रामभिलाषजी त्रिपाठी ने यज्ञ को सफल बनाने में बड़ा सहयोग दिया। पूर्णाहुति के पश्चात् 500 व्यक्तियों का भोज हुआ। इस क्षेत्र में इस आयोजन के द्वारा गायत्री प्रचार का शिलान्यास हुआ है।
-लक्ष्मणसिंह मनराल
इन्दौर में गायत्री परिवार की शाखा स्थापित करके ता. 8 से 12 नवम्बर तक गायत्री महायज्ञ कराया गया। भागवत पुराण की कथा भी कराई गई। ता. 13 को ब्रह्मभोज कराया गया और 14 को एक विशाल जुलूस भी निकाला गया।
-कोमलप्रसाद शर्मा
शाहजहाँपुर (उ. प्र.) में ता. 16 दिसम्बर को श्री हरिश्चन्द जी के स्थान पर एक सामूहिक यज्ञ किया गया। ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान की पूर्णाहुति की चर्चा की गई और लोगों को अधिक को अधिक जप, पाठ व आर्थिक सहायता करने को उत्साहित किया गया।
-रंगेलाल शुक्ल
सागर (म. प्र. ) में श्री नन्हेमलजी के यहाँ सवा लक्ष जप की पूर्णाहुति 12.50 हजार आहुतियों द्वारा की गई।
-अयोध्याप्रसाद
कानपुर में श्री आर. एस. त्रिपाठी व श्री विश्वनाथजी अवस्थी के यहाँ दो सामूहिक हवन किये गए। गायत्री तथा यज्ञ पर सारगर्भित प्रवचन हुए। तीसरा हवन स्टेट बैंक के खजाँची श्री एल. सी. बग्गा के यहाँ 8 दिसम्बर को आर्य नगर में हुआ। हवन के पश्चात ब्रह्म भोज भी किया गया।
-अयोध्याप्रसाद दीक्षित
कानपुर की गायत्री परिवार शाखा नं. 3 की ओर से गोविन्दनगर (बी ब्लाक) के पार्क में एक सामूहिक कीर्तन किया गया और गायत्री चालीसा वितरण किया गया।
-कौशलकिशोर
पिपरी (सतना) में 5009 आहुतियों का हवन व चालीसा के 5 हजार पाठ किये गए। रामायण का पाठ भी किया गया।
-सतीशकुमार शर्मा
सिकन्दराराऊ (अलीगढ़) में सामूहिक यज्ञ हुआ जिसका जनता पर अच्छा प्रभाव पड़ा और नए सदस्य बने।
-राधेश्याम आजाद
करड़ाबद (झबआ) में 11 हजार आहुतियों का हवन किया गया व माता की सवारी निकाली गई जिसमें भजन व कीर्तन की अच्छी व्यवस्था थी।
-रामलाल त्रिवेदी
पलायथा (कोटा) में ता. 25-26-27 जनवरी 1958 को महायज्ञ का आयोजन किया गया है। ता. 26 को मथुरा में होने वाली ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान की पूर्णाहुति के सम्बन्ध में विचार करने के लिए हाडौती प्रदेश की गायत्री शाखाओं का एक विशेष सम्मेलन किया जायगा।
-आत्रेय बंधु
गीधा साँड (उड़ीसा) में बूढ़ा पहाड़ के ऊपर 24 हजार आहुतियों का विशाल सामूहिक हवन किया गया। 1200 चालीसा पाठ भी किये गए।
-विश्वनाथ मिश्रा
नैनपुर (मण्डला, म. प्र. ) में गायत्री मण्डल की स्थापना की गई है जिसकी ओर से गायत्री संबंधी पुस्तिकाएं जनता में बाँटकर प्रचार किया जा रहा है।
-गे. धो. गोखले
देवरान (मन्दसौर) की गायत्री परिवार शाखा के 10 उपासकों ने पं. कंचनलालजी व्यास के संरक्षण में 24-24 हजार के अनुष्ठान व चालीसा के 240 पाठ किए। कन्या भोजन भी हुआ।
-कुँवर नर्मदासिंह
बिजौली (फतेहपुर) में चन्द्रग्रहण के अवसर पर श्री घसीटेलालजी वर्मा के स्थान पर वृहत गायत्री यज्ञ किया गया जो पं. लक्ष्मीनारायणजी द्विवेदी ने पूर्ण विधि से कराया।
-रामसनेही वर्मा
बोरलाय (नेमाड़) में ता. 8 और 9 दिसम्बर को श्री बलवंतराव पटवारी द्वारा सवालक्ष जप व 24 हजार आहुतियों का यज्ञ बड़े उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इसका प्रचार करने के लिए श्री मणि शंकरजी चतुर्वेदी, प्रधानाध्यापक ने स्थानीय क्षेत्र के प्रत्येक गाँव में भगवती का अलख जगाया और साधकों को व्यक्तिगत निमन्त्रण दिया। उन्होंने आसुरी वृत्तियों और विघ्नों का सामना करते हुए भी यज्ञ को सफल बनाकर दिखाया।
-श्रीहरि पण्ड्या
मुरादपुर माती (शाहजहाँपुर) में 2284 आहुतियों का सामूहिक यज्ञ विश्व कल्याणार्थ किया गया।
-रामसहाय शर्मा
सराय ताल (इटावा) में ता. 29 नवम्बर को देवी जी के चबूतरा पर 2592 आहुतियों का सामूहिक हवन किया गया। 108 बालक-बालिकाओं को भोजन कराया गया। समस्त जनता ने उत्सव में भाग लिया।
-रामानुज शुक्ल