इस जगती में कौन पुरातन? उत्तर है ‘भगवान’, क्योंकि सदा से पूज रहे हैं, इस जग के इन्सान ॥1॥
किसे कहेंगे सबसे सुन्दर? केवल सृष्टि महान, क्योंकि विधाता की यह रचना, करती जग कल्याण॥2॥
इस दुनिया में क्या प्रधान है? सब कहते हैं स्थान, जिसमें देखो समा रहा है, जल थल नील वितान॥3॥
अचल जगत ने किसको माना? आशा एक प्रमाण, मानव से सब छिन जाने पर, शेष यही वरदान॥4॥
‘श्रेष्ठ’ सृष्टि में किसे कहें हम? ‘सद्गुण’ रहा महान, क्योंकि इसी के ही अभाव में शून्य सभी हैं ज्ञान॥5॥
सबसे ज्यादा द्रुतगामी क्या? बस ‘विचार’ का यान’, क्षण ही भर में यह जाल है, जहाँ रहे भगवान ॥6॥
‘महाबली’ पद कौन पायेगा? ‘आवश्यकता’ जान, जिसके कारण सह लेता है, मानव कष्ट अमान ॥7॥
‘सरल काम’ है क्या इस जग में? तुम भी लो अब जान, मानव केवल समझ रहा है, ‘देना सबको ज्ञान’॥8॥
और ‘कठिन क्या काम’ विश्व में? तज देना अभिमान, सन्त वेद सब यह कहते हैं, ‘अपने को पहिचान’॥9॥