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January 1958

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-सम्पादक ‘अखण्ड-ज्योति’

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पुष्कर (अजमेर) में कार्तिक कृष्णा 11 से अगहन कृष्णा 2 तक ढाई लाख आहुतियों का हवन गायत्री-मन्त्र से किया गया। इस कार्य का संचालन सेठ वंशीलाल रामनारायण राठी (भीनासर, बीकानेर) ने किया।

-नारायणशन्कर मास्टर

गंगीरी (अलीगढ़) की गायत्री-शाखा के सदस्य श्री होतीलाल ‘चैतन्य’ और श्री श्यामलाल ‘दीन’ ने 24-24 हजार के अनुष्ठान व हवन विधिपूर्वक किये।

-रामजीबल्लभ पाराशर

गुदरावन (शाजापुर म.प्र.) की गायत्री-शाखा की ओर से लसुड़िया गाँव में ठा. सज्जनसिंह जी व पं. पुरालालजी की मदद से एक सप्ताह तक 50 हजार आहुतियों का यज्ञ बड़े समारोह से किया गया। चार व्यक्तियों को यज्ञोपवीत दिया गया। ता. 15 नवम्बर को भी गायत्री-यज्ञ हुआ।

- दामोदरदास

खूड़ (सीकर) में श्री शम्भूसिंह जी हाड़ा की अध्यक्षता में यज्ञ हुआ जिसमें अनगिनती आहुतियाँ दी गई। रात्रि में हाड़ाजी का प्रभावशाली प्रवचन हुआ। यज्ञ में श्री मुरलीधर वैद्य व श्री परमसुख मिश्रा ने विशेष सहयोग दिया।

- श्यामसुन्दर रामनिवास शर्मा

पलायथा (कोटा) की गायत्री-शाखा के सदस्यों ने बड़गाँव में जाकर श्री वंशीलाल स. अध्यापक के यहाँ सामूहिक हवन किया। आगामी बसन्त पन्चमी को 24 हजार आहुतियों के हवन का आयोजन किया जा रहा है।

-मन्त्री, गायत्री-शाखा

सीमेंट फैक्टरी (सवाई माधोपुर) में ता. 3 नवम्बर को श्री हंसराज जुनेजा के यहाँ 1080 आहुतियों का हवन हुआ। ता. 7 नवम्बर को श्री भेंरुलाल जी के यहाँ अति उत्तम रीति से 3 हजार आहुतियों का हवन व भजन-कीर्तन किया गया।

-रामनारायण वर्मा

छोटी कसराबद (निमाड़) में पौष बदी 2 को सार्वजनिक शिवालय में सामूहिक गायत्री-हवन व अखण्ड रामायण पाठ किया गया। बड़ी कसराबद से श्री सन्तोष चन्द्रव्यास व पं. रामेश्वरजी उपाध्याय ने इसमें सम्मिलित होकर पूजा आदि कराया। श्री शिवलालजी सेठ ने गायत्री चालीसा वितरण किया।

- किशोरसिंह प्यारसिंह दसोंदी

मनसूरपुर(मुजफ्फरनगर) गायत्री-परिवार के द्वारा घासीपुरा में श्री नत्थू के यहाँ ता. 25 नवम्बर को हवन किया गया। इस शाखा के 5 सदस्य ता. 9 दिसम्बर से सवा लक्ष का अनुष्ठान कर रहे हैं जिसकी पूर्णाहुति बड़े समारोह से ता. 9 जनवरी 59 को होगी।

- बनारसीदत्त शर्मा

डबरा मण्डी (म. प्र.) में गायत्री-शाखा द्वारा आयोजित एक सभा में पूज्य ब्रह्मचारी केशवदेव जी का रामायण पर प्रभावशाली प्रवचन हुआ जिसका उपस्थित विशाल जन समूह पर बड़ा प्रभाव पड़ा।

- द्वारिकादास बड़ेरिया

सीसवाली (कोटा) में पं. दीनदयाल जी, पं पूरणमलजी, बा. रघुनाथप्रसाजी, श्री जमुनालाल जी चतुर्वेदी के स्थानों पर साप्ताहिक सत्संग और हवन हुए। शीघ्र ही एक विशाल यज्ञ करने का विचार किया जा रहा है।

- रामचन्द्र गुप्त

- रामचन्द्र गुप्त

डबरा मण्डी में एक विशाल गायत्री महायज्ञ ता. 10-11-12 जनवरी 1859 को होगा। समस्त गायत्री प्रेमियों को उसमें पधारने का सादर निमन्त्रण है।


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