जिसमें गो लोक, पृथ्वी, अन्तरिक्ष और संपूर्ण प्राणों के सहित मन ओत-प्रोत है उस एक आत्मा को ही जानो और सब बातों को छोड़ दो। यही अमृत ‘मोक्ष प्राप्ति’ का सेतु (साधन) है।
-उपनिषद्।
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मन से ही देखो-विश्व में भेद कुछ नहीं। जो मनुष्य भेद की बुद्धि रखता है वह मृत्यु के बाद मृत्यु को ही प्राप्त करता है।