जिस बात को मनुष्य अपने लिए उचित नहीं समझता है, दूसरों के साथ भी वैसा व्यवहार न करे यही वास्तविक धर्म है।
-भीष्म पितामह
दूसरों की अंधाधुँध नकल करना, छोटे मन वाले लोगों का काम है। -ग्रेवाइक