नाम-चिकित्सा

July 1945

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(ले.- श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज)

जब अंग्रेजी डाक्टरी चिकित्सा, ऐलोपैथी (Allopathy), होमियोपैथी, क्रोमोपैथी, आयुर्वेद चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा इत्यादि सब प्रकार के इलाज किसी रोग की चिकित्सा करने में फेल हो जाते हैं तब भगवन्नाम की चिकित्सा ही केवल तुम्हें बचा सकती है। भगवान का नाम अनुभूत स्वर्ण योग है, यह एक अचूक औषधि, न फेल होने वाली अमर बूटि, सब रोगों के लिए है। चिंता, निराशा, अन्धकार के समय जीवन के नित्य के संग्राम में और अस्तित्व में, रण क्षेत्र में यह सब से उच्च आदर्श और अमोघ अस्त्र है।

नाम में एक रहस्यमयी शक्ति है। ईश्वर के नाम में अनिर्वचनीय बल है। परमात्मा के नाम में सब आध्यात्मिक शक्तियाँ छुपी हुई हैं। यह च्यवनप्राश की बालाई है, मकरध्वज का सार है, वसन्त कुसुमाकर और स्वर्ण भस्म का इत्र है। यह नम्बर 1910194 का आध्यात्मिक रहस्यपूर्ण इंजेक्शन है।

नाम जप की यह औषधि हर रोग के लिए तुम स्वयं प्रयोग कर सकते हो। इस आश्चर्यजनक औषधि का तुम स्वयं अपने पर, अपने घर के किसी प्राणी पर अथवा बाहर भी प्रयोग कर सकते हो। रोगी के पास बैठ जाओ और सच्ची भक्ति और श्रद्धा से भगवान के नाम की ध्वनि लगाओ। नाम यही हैं -हरि ॐ, श्री राम, ॐ नमः शिवाय आदि-2 नाम और ‘हरे राम हरे रामा राम रामा हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्णा कृष्ण कृष्णा हरे हरे’ आदि मंत्र। प्रभु की दया और कृपा के लिए प्रार्थना करो सब रोग, दुख और पीड़ा समाप्त हो जायेंगी। प्रतिदिन कम से कम दो घंटे प्रातः और दो घंटे साँय नाम जप की चिकित्सा करनी चाहिए। तुम थोड़े ही समय में इनका चमत्कार और प्रभाव देख लोगे। डॉक्टर और रोगी दोनों को प्रभु के नाम, उसकी कृपा और दया पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए। सच्चे डॉक्टर तो प्रभु नारायण ही हैं।

श्री धन्वन्तरि जी महाराज त्रिलोक के वैद्य ने (जिन्होंने आयुर्वेदिक विज्ञान का आविष्कार किया) स्वयं ऐसा कहा है।

‘यह मेरा निश्चित और सत्य वचन है कि अच्युत, अनंत, गोविन्द नामों के जप के उपचार से सारे रोग नष्ट हो जाते हैं’ -सब चिकित्साओं में प्रभु नारायण ही एकमात्र चिकित्सक हैं। तुम्हें मालूम है कि मरणासन्न सम्राट को संसार के श्रेष्ठ डॉक्टर भी नहीं बचा सकते। तुमने यह भी सुना होगा कि बहुत से बुरे से बुरे रोगों से पीड़ित रोगी अच्छे हो गये हैं। जहाँ पृथ्वी के होशियार से होशियार डाक्टरों ने इनको लाइलाज कहकर जवाब दे दिया था। बहुत से संतों का नाम आपने सुना होगा, जिन्होंने अनेक रोगियों को प्रभु का नाम सुनाकर, अनेक असाध्य रोगों से मुक्त कर दिया। कबीर साहब ने केवल एक बार राम के नाम सुनाने से अनेक कोढ़ियों का कष्ट दूर कर दिया था। इससे यह बात पूर्णतया सिद्ध होती है कि सब इलाजों में भगवान का हाथ ही काम करता है।

प्रभु का नाम तो मरण जीवन के रोग को भी दूर कर देता है और वह मोक्ष और जीवन प्रदान करता है। साधारण रोगों का तो कहना ही क्या है। आवश्यकता है श्रद्धा और प्रेम की।

=कोटेशन============================

उनसे मत डरिए जो आपके शरीर को नष्ट कर सकते हैं। आप तो उनसे डरिए जो आपकी आत्मा को पतन के मार्ग में ले जाकर नष्ट कर देने वाले हैं।

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निरभिमानी धन्य हैं, क्योंकि उन्हीं के हृदय में ईश्वर का निवास होता है।

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