Quotation

May 1943

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आकाश से बातें, संगमरमर के मन्दिर तथा पाषाण प्रतिमा तुम्हारे हृदय के दाह को नहीं मिटा सकती, उसके लिये देश के भूखे, प्यासे नारायणों और दुर्बल भिक्षुओं की सेवा करनी पड़ेगी।


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