Quotation

May 1943

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भूल तो मनुष्य से हो ही जाती है। किन्तु बुद्धिमान तथा गुणवान वह है, जो आदमी भूल को मान लेता है।

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धन की अभिलाषा रखने के बजाय सुख की चाहना करो, क्योंकि धन तो तिजोरी में बन्द रहता है और सुख सन्तोष में। अतः धन से प्राप्त नहीं हो सकता है।


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