शक्ति और सत्ता बड़ी उत्तम वस्तुयें हैं, परन्तु यही जब किन्हीं दुष्ट स्वभाव के मनुष्यों के हाथ में चली जाती हैं तो न केवल संसार का ही अहित करती हैं, वरन् स्वयं उसका विनाश कर देती हैं।