शुद्ध किया भगवन् ने
शुद्ध किया भगवन् ने भक्तों का मन।
राधा रमण हरी, राधा रमण॥
जग को नचाते वे मुरली बजाते,
बालरूप मोहन है ठुमका लगाते।
कण- कण के स्वामी को करलें नमन॥
शबरी सुदामा के सबसे हैं प्यारे।
मातु कौशल्या के आँखों के तारे॥
भक्तों के तारक हैं विपदा हरण।
श्रद्धा से भगवन् को आओ बुलायें।
केवट, यशोदा सी भक्ति दिखायें॥
निर्मल बनायें अतःकरण॥