पाखण्ड (Kahani)

June 1997

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मरणासन्न डार्विन को जब थोड़ा होश आया तो उसने अपनी बेटी से कहा-बेटी! मैं नहीं जानता कि परलोक होता भी है या नहीं, लेकिन यदि परलोक कहीं होता होगा तो मैं उसके द्वार पर खड़ा रहूँगा और इन पाखण्डियों को स्वर्ग में प्रवेश करने से रोकूँगा, अन्यथा ये लोग इस लोक की तरह परलोक में भी पाखण्ड फैलाए बिना न रहेंगे।


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