हजरत मुहम्मद साहब चिन्तन-मनन के लिए एक खजूर के पेड़ के नीचे बैठते थे। कुछ समय बाद उन्हें वह स्थान छोड़कर अन्यत्र जाना पड़ा। तब उन्होंने उस खजूर को कटवा दिया।
लोगों में असमंजसपूर्वक इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि ‘कहीं ऐसा न हो कि लोग मेरे उपदेशों की अपेक्षा इस खजूर को ही पूजने लग जांय।