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August 1961

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‘मेरा विश्वास है कि सदाचार चिथड़ों-गुदड़ों में भी उसी प्रकार मिलता है जैसे कि बहुमूल्य सुंदर वस्त्रों में। अर्थात् सदाचारी अमीर और गरीब दोनों में ही मिल सकते है।’

‘परिस्थितियों के प्रति किसी व्यक्ति की प्रतिक्रिया का नाम ही चरित्र है। चरित्र कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसकी कोई सीमा हो या जिसमें पूर्णता हो। अवस्था के अनुसार उसकी बुद्धि होती है और हमारे प्रत्येक कार्य से वह चमक उठता है।’

‘मनुष्य का सारा भविष्य उसी के ऊपर निर्भर है। उसका चरित्र ही भावी सफलता या विफलता का निर्णायक है।’

‘जब तक तुम घमंड को छोड़कर बच्चों की तरह सरल नहीं हो जाते तब तक तुम दैवी जगत में प्रवेश नहीं पा सकते।’


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