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October 1959

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जिसने विपत्ति को नहीं जाना, उसने न तो कभी अपने को पहचाना और न स्वयं अपने सद्गुणों को समझा। -मैलेट

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सारी उन्नति के लिए प्रथम आवश्यक वस्तु विश्वास है। किसी काम में प्रारंभ ही से शंका करना है, अनिवार्य असफलता को आह्वान करना है। संदेह सारी प्रेरणा का हनन कर देता है और जिस प्रयत्न में प्रेरणा नहीं होती वह व्यर्थ जाता है। -डॉ. पट्टाभी

यदि किसी मनुष्य को सफल, बलशाली और आदर्श जीवन बनाना है-ऐसा जीवन जो प्रलोभन और आफत की आँधी का दृढ़ता से मुकाबला करेगा, तो उसे थोड़े से सरल और अटल नैतिक सिद्धान्तों पर बनाना चाहिए। इनमें से चार ये हैं, न्याय, ईमानदारी, सच्चाई और कृपा। ये चार नैतिक सत्य जीवन बनाने के लिए वैसे ही आवश्यक हैं जैसे कि एक घर बनाने के लिए सम चतुर्भुज की चार रेखाएं। -एक विद्वान


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