धर्म शास्त्रों में मातृभूमि को परमपूजनीय बतलाया है। जो धर्म के रहस्य को समझते हैं वे अपने हृदय में यह विश्वास करते हैं कि अपनी मातृभूमि से प्रेम करना ही धर्म का सबसे छोटा और सबसे बड़ा अंग है।
-श्री अरविन्द घोष
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उच्च जीवन ही से उच्च चरित्र वाले उत्पन्न होते हैं।
- पोप