नई महत्वपूर्ण पुस्तकें

February 1959

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धर्म-प्रचार योजना के लिए उपयोगी साहित्य

सूक्त संहिता-मू. 1।)

इस पुस्तक में चारों वेदों से ऐसे 40 सूक्त संग्रह किये गये हैं, जिनके पाठ एवं मनन से मनुष्य की 40 भौतिक एवं साँसारिक कठिनाइयाँ दूर हो सकती हैं। वैदिक मन्त्र विद्या की यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण पुस्तक है।

वेदों की स्वर्णिम सूक्तियाँ-मू.।)

दैनिक जीवन में उपस्थित होने वाली आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक एवं पारिवारिक समस्याओं पर वेद भगवान के आदेशों का संग्रह। सूक्तियों का अर्थ तथा टिप्पणियाँ भी हैं।

संस्कार पद्धति-मू. 2॥)

जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह, अंत्येष्टि आदि संस्कारों का महत्व और शास्त्रोक्त विधान इस पुस्तक में बहुत ही सरल रीति से समझाकर लिखा गया है। प्रत्येक संस्कार के अवसर पर देने योग्य शिक्षाओं का समन्वय एवं संस्कार-विधान की सरलता इस ग्रन्थ की विशेषता है।

भारतीय संस्कृति की रूपरेखा-मू. 2)

हिन्दू-धर्म के आदर्शों, सिद्धान्तों, विश्वासों, रीति-रिवाजों, मान्यताओं और प्रथा-परम्पराओं पर दार्शनिक, वैज्ञानिक एवं विवेचनात्मक ढंग से प्रकाश डालते हुए उनकी उत्कृष्टता सिद्ध की है। प्रत्येक हिन्दू-धर्माभिमानी के लिए पुस्तक अवश्य ही पढ़ने योग्य है।

व्रत और त्यौहार-मू. 1)

हिन्दू-धर्म के प्रायः सभी व्रत और त्यौहारों का इतिहास, सन्देश, उद्देश्य, कारण और विधान इस पुस्तक में है। हिन्दू जाति अपने व्रत पर्वों को पुस्तक में वर्णित आधार पर मानने लगे तो उसका कायाकल्प ही हो सकता है।

संक्षिप्त रामायण-मू. ॥।)

गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण से शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से पढ़ने वालों के लिए यह पुस्तक है। शिक्षात्मक प्रसंगों को ज्यों का त्यों रखा गया है और कथानकों की केवल सम्बन्ध शृंखला बनाये रखी गई है।

प्रेरणाप्रद दृष्टान्त-मू. 2)

प्रवचन, व्याख्यान और धर्म-शिक्षा के समय बीच-बीच में अच्छे दृष्टान्तों का उपयोग करने से प्रवचन बड़ा ही हृदयग्राही और मनोरक्षक बन जाता है। इस पुस्तक में बड़े मार्मिक, शिक्षाप्रद एवं प्रेरणा देने वाले लगभग 400 दृष्टान्त संग्रहीत हैं।

सरल चिकित्सा विज्ञान-मू. 2)

100 प्रमुख रोगों का निदान, लक्षण, चिकित्सा, पथ्य आदि का एक अनुभवी चिकित्सक द्वारा बड़ी ही सरल रीति से यह संग्रह किया गया है। इसे पढ़कर आयुर्वेदिक पद्धति से रोग-निवारण करने की विद्या हाथ आ जाती है। औषधियों का निर्माण, विषोपचार आदि विषय भी पुस्तक में दिये हैं।

कल्प चिकित्सा-मू. 2)

दूध कल्प, छाछ कल्प, फल कल्प, शाक कल्प आदि के द्वारा शरीर में संचित पुराने रोगों की जड़ काट देने वाली चिकित्सा पद्धति का इस ग्रन्थ से बड़ा ही खोजपूर्ण वर्णन है। इस चिकित्सा पद्धति से रोगी का घर बने हुए शरीर पुनः काया-कल्प एवं स्वस्थ जीवन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

मूल्य में कमी के लिए लिखा-पढ़ी करना बिल्कुल व्यर्थ है। 6) से अधिक की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च माफ। 3) से कम की वी. पी. नहीं भेजी जाती। 3) से 6) के बीच के मूल्य की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च लगभग 1॥) अलग।

पता- ‘अखण्ड-ज्योति’ प्रेस, मथुरा।

*समाप्त*


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