सत्य ही हम हैं। भूल हमारी आत्मा का स्वभाव नहीं। ऐक्य हमारी आत्मा का गुण है। प्रेम, न्याय, सत्य, सौंदर्य के हम तत्व हैं, इस बात से हृदयपूर्वक मान लेने से हमें अपूर्व शान्ति का अनुभव होने लगता है। निर्मलता के हमें दर्शन होने लगते हैं। धैर्य हमें प्राप्त हो जाता है, आत्मा आध्यात्मिक भवन पर बहुत ऊँची चढ़ जाती है।