—हवा में उड़ना कोई चमत्कार नहीं क्योंकि गन्दी मक्खियाँ भी उड़ सकती हैं। बिना पुल और नाव के नदियों को पार कर लेना कोई चमत्कार नहीं, कुत्ते भी उन्हें पार कर सकते हैं परन्तु दुःखी हृदय को सहानुभूति और सहायता पहुँचाना एक ऐसा चमत्कार है जिसे पवित्र आत्माएँ ही दिखा सकती हैं।
—वही मनुष्य संसार में शान्त और निश्चल रह सकता है जिसने आध्यात्मिक जगत का अनुभव प्राप्त कर लिया है, ऐसे मनुष्य पर बाहर की प्रतिकूल परिस्थिति का कुछ भी असर नहीं होता।
—जो मनुष्य जीवन-संग्राम में परास्त हो जाते हैं वे अज्ञानवश दूसरों की निन्दा करने लगते हैं और असफलता का दोष दूसरों पर मढ़ते हैं जबकि उसके जिम्मेवार वे स्वयं हैं।