जो वस्तु अनादि और अनन्त है उसी में सुख है, अन्तवान वस्तु में सुख नहीं है, अंतवान वस्तु का एक दिन अवश्य नाश होगा, इसलिये जो उस पर आ सका होगा उसको दुःखी ही होना पड़ेगा।
-विजयकृष्ण गोस्वामी
*****
अगर तेरे हृदय में प्रेम है तो उसका ढिंढोरा न पीट। तेरे हृदय के भाव को अन्तर्यामी जानते ही हैं।
-महात्मा मलूकदास