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June 1951

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भोजन की पवित्रता से मन की पवित्रता आती है। जो शक्तिमान और शरीर को जोड़े हुए है। वह उस भोजन में मौजूद रहती है जिसे हम खाते हैं। विभिन्न प्रकार के भोजन का विभिन्न प्रकार का प्रभाव पड़ता है। कुछ ऐसे भोजन होते हैं। जो हमारे मन और शरीर दोनों को स्वस्थ बनाते हैं। अतः यह परमावश्यक है कि हम शुद्ध और सात्विक भोजन करें। भोजन का ब्रह्मचर्य से घनिष्ठ सम्बन्ध है। अगर भोजन की पवित्रता पर उचित ध्यान दिया जाय तो ब्रह्मचर्य पालन करना बड़ा ही आसान हो जाय।

-स्वामी शिवानन्द


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