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August 1951

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क्रोध दिलाने पर भी चुप रहना बड़ी भारी बुद्धिमानी है। इससे बढ़कर बुद्धिमानी मन की चंचलता को रोकने में है।

1.दान 2. पश्चाताप 3. संतोष 4. संयम 5. नम्रता 6. सत्य 7. दया। ये सात बैकुँठ के दरवाजे हैं।


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