सब ओर से मन को हटा कर भगवान के चरणों का आश्रय लेने वाले भगवान के प्रिय पुरुष में यदि कोई दोष भी हो तो हृदय में रहने वाले सर्वेश्वर भगवान् उसे नष्ट कर देते हैं।