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November 1950

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जिसका मन ईश्वर परायण है वही सत्पुरुष है। जिसने कामिनी काँचन का त्याग कर दिया है वहीं सत्पुरुष है। -रामकृष्ण परमहंस,

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आवश्यकता चावल की होती है, परंतु चावल बोने से वह उपजता नहीं, चावल प्राप्त करने के लिए बोना पड़ता है धान। धान में छिलका यद्यपि अनावश्यक है परंतु छिलके बिना धान नहीं उगता। इसी प्रकार शास्त्र विहित आचारों का पालन किए बिना कभी धर्म लाभ नहीं होता।

-रामकृष्ण परमहंस,

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गाय का तुरन्त का जन्मा हुआ बच्चा जैसे बीसों बार गिरने उठने पर कहीं खड़ा हो सकता है इसी प्रकार साधना करते समय साधक अनेक बार गिर पड़ने पर कहीं अन्त में सिद्धि लाभ करता है।

-रामकृष्ण परमहंस,


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