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June 1949

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अपना गुण गान करने वाला और दूसरे में दोष देखने वाला दंभी है। वह अपने से छोटे लोगों में आनन्द पाता है क्योंकि उनसे उसे अपने कार्यों और गुणों की प्रशंसा सुनने को मिलती है। दंभी की अपेक्षा और कोई खुशामद से प्रसन्न नहीं होता, इसलिए वह अपने खुशामद करने वाले साथियों द्वारा थोड़े समय में ही नष्ट हो जाता है। -स्पिनौजा

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मेरा देश ही मेरे लिए ईश्वर की महिमा का साकार रूप है। -देशबन्धु चितरंजनदास

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जिस शिक्षा-दीक्षा ने हमको अमानुष बना दिया है उसे नष्ट करके ही हम मनुष्य बन सकेंगे।

-देशबन्धु चितरंजनदास


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