प्रार्थना करना याचना करना नहीं है, वह तो आत्मा की पुकार है।
-महात्मा गाँधी
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शास्त्र का मुख से उच्चारण करना लाभकारी नहीं है। लाभकारी तो शास्त्र पर अमल करना है।
महात्मा गाँधी,