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December 1943

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“अखण्ड ज्योति” के पाठकों को कुछ आवश्यक सूचनाएं

(1) इस अंक के साथ अखण्ड ज्योति का वर्ष समाप्त हो जाता है। नये वर्ष का चन्दा जनवरी से पूर्व ही भेज देना चाहिए। नये वर्ष का विशेषाँक “मैस्मरेजम अंक” उतना ही छपेगा जितने ग्राहकों से चंदा प्राप्त हो जायगा, गत वर्ष का विशेषाँक जनवरी में ही समाप्त हो गया था, और देर से चंदा भेजने वालों को वह नहीं मिल सका था, इसी प्रकार इस वर्ष भी संभव है कि देर से चन्दा करने वाले “मैस्मरेजम अंक” से वंचित रह जाये। इसलिए यह अंक पहुँचने के बाद यथा संभव शीघ्र ही मनीआर्डर से चन्दा भेज देना चाहिए। वी.पी. में व्यर्थ ही अधिक देने पड़ते हैं।

(2) जिन पाठकों का चन्दा वर्ष से बीच में समाप्त होता है उनसे विशेष आग्रह पूर्वक प्रार्थना है कि अगले वर्ष के शेष महीनों का चन्दा भेजकर अपना हिसाब जनवरी से ही रखें। वर्ष की पूरी फाइल रखने का उन्हें सुविधा रहेगी। और हमें भी पते को चिटें छपाने की सुविधा रहती है। जिनका चन्दा दिसम्बर में समाप्त होता है उनके पते छपे होते हैं जिनका वर्ष बीच में समाप्त होता है उनके पते हाथ से लिख-लिख कर भेजने में बड़ी असुविधा होती है।

(3) हर एक पाठक से अखण्ड ज्योति के कार्यकर्ता आग्रह पूर्वक अनुरोध करते हैं कि ज्ञान यज्ञ में सहायता करना पुनीत धर्म कार्य समझकर कम से कम एक-एक नया ग्राहक बढ़ाने का शक्ति भर प्रयत्न करें। आत्म ज्ञान का प्रसार करना संसार में सबसे बड़ा पुण्य कर्म है।

अखण्ड ज्योति का अगला अंक


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