ईश्वर को पाने के लिये एक जन्म पर्याप्त नहीं

September 1969

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देवर्षि नारद ने ध्रुव की निष्ठा परखते हुए पूछा-वत्स घेर तपस्या के बाद भी यदि तुम्हें भगवान् के दर्शन न हुए तब क्या करोगे? बालक ने मुस्कराते हुए कहा-भगवन् तब मैं आगे भी तप करता रहूँगा और ज्ञात करूँगा कि क्या ईश्वर को पाने के लिये एक जन्म पर्याप्त नहीं।


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