-बाप की इज्जत पर लड़की जैसे बहुत समय तक नहीं जूझ सकती, उसी तरह प्रजा अकेले प्राचीन हिन्दुस्तान के गौरव पर हमेशा अपनी शान नहीं दिखा सकती।
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-आत्मा अमर है, देह क्षण-भंगुर है। कोई प्रवृत्ति परिणाम प्राप्त किये बिना, रहती नहीं। यह सब हम बचपन से सीखते हैं। फिर मौत से क्यों डरें?