द्वितीय मास का पाठ्यक्रम।

August 1948

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इस विज्ञान को जान लेने से जीवन यात्रा की अधिकाँश कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं और ऐसे रहस्य मालूम हो जाते हैं जिसको पाठक को ऐसा लगता है मानों किसी अज्ञात गुप्त आध्यात्मिक धन की प्राप्ति हुई हो।

1. मनुष्य शरीर की बिजली के चमत्कार- शरीर की बिजली से होने वाले आश्चर्यजनक कार्यों का वैज्ञानिक विवरण।

2. धनवान बनने के गुप्त रहस्य-धन कुबेरों द्वारा कार्य रूप में आये हुए ऐसे सिद्धान्तों का वर्णन है जिन पर चलने से आप भी धनवान बन सकते हैं।

3. पुत्र या पुत्री उत्पन्न करने की विद्या- मन चाही सन्तान प्राप्त करने के सारे रहस्य इस पुस्तक में खोलकर रख दिये हैं।

4. मरने के बाद हमारा क्या होता है-मृत्यु से लेकर नये जन्म तक जीव जिन परिस्थितियों में रहता है उनका महत्वपूर्ण विवेचन।

5. मित्र भाव बढ़ाने की कला-अधिक संख्या में, अच्छे और सच्चे मित्र प्राप्त करने के रहस्य।

6. आकृति देखकर मनुष्य की पहचान- निर्धारित विषय को ऐसे अच्छे सुबोध ढंग से समझाया गया है कि हर कोई लाभ उठा सकता है।

7. संजीवनी विद्या-जिन्दगी किस तरह जीनी चाहिये इस प्रश्न का संतोष जनक समाधान।

8. अमृत पारस और कल्पवृक्ष की प्राप्ति- यह तीनों तत्व मनुष्य के अन्दर हैं, इस पुस्तक में बताई रीति से यदि कोई उनका उपयोग करे तो देवताओं के समान समृद्ध हो सकता है।

9. हमें स्वप्न क्यों दीखते हैं-स्वप्न दीखने के कारण उनके हानि लाभ, स्वप्नों द्वारा अदृश्य बातों की जानकारी दुःस्वप्नों का निवारण।

10. विचार करने की कला- मनुष्य जैसे विचार करता है वैसा ही बन जाता है इस तथ्य को ध्यान में रखकर अच्छे विचारों को अपनाने और कुविचारों को त्यागने की रीतियाँ समझाई हैं।

11. हम वक्ता कैसे बन सकते हैं-चतुर वक्ता कुशल व्याख्यानदाता बनने की इच्छा रखने वालों के लिए यह बड़े ही काम की पुस्तक है।

12 लेखनकला-लेख, पुस्तकें एवं कविता लिखने की कला सीखने वालों के लिए यह पुस्तक अनुभवी गुरु का काम देती है।

13. सफलता के तीन साधन- मनुष्य किस प्रकार गुणों से कठिन कार्यों को पूरा कर सकता है यह विज्ञान इस पुस्तक में बड़े हृदय ग्राही रूप से समझाया गया है।

14. शिक्षा और सूत्र का रहस्यमय विवेचन चोटी और जनेऊ, हिन्दू धर्म के दो प्रमुख चिह्न हैं। इस पुस्तक में इन दोनों का गुप्त रहस्य, महत्व और लाभ सविस्तार बताया गया है।

15. दैवी संपदाएं-धन दौलत पृथ्वी की संपदा है। इससे साँसारिक सुख मिलते हैं। पर दैवी संपदाएं वे सद्गुण हैं, जिनसे लौकिक और पारलौकिक सुख शान्ति मिलती है उनका वर्णन।

16. कुछ धार्मिक प्रश्नों का उचित समाधान- श्राद्ध, तीर्थ, दान, देववाद आदि विषयों की शंकाओं का बुद्धि संगत समाधान।


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