मारने में वीरता नहीं, पशुता है, परन्तु जिसमें स्वयं मरने की शक्ति है वह वीर है। त्याग का आदर्श महान् है, और वहीं संसार में कुछ कर सकता है जिसमें त्याग की मात्रा अधिक हो।