जिसकी आत्मा शान्त है। जो बुद्धिशाली है जिसके हृदय में नम्रता है वही उन्नति प्राप्त है।
*****
परिश्रम ही जीवन का जीवन है और सुस्ती ही बीमारी है। शरीर के हर एक हिस्से का जीवन इसी में है कि वह अपने कार्य की पूर्ति करता रहे।
*****
क्रोध से अविचार, अविचार से भ्रम, भ्रम से बुद्धि का नाश, और बुद्धि का नाश हो जाने से सर्वनाश हो जाता है।
*****
जिसके पास धन नहीं है वह गरीब नहीं कहा जा सकता है। जिसकी तृष्णा बढ़ी हुई है वह गरीब है।
*****
स्त्रियों की भूल व्यभिचार है। दानी की भूल लोभ है। इस लोक तथा परलोक की भूल पाप करना है इन सब भूलों से बुरी भूल अविद्या है।