इस अंक में दीपावली से होली तक चलने वाले अनुदान एवं परामर्श सत्रों का विवरण छपा हैं। उनके सर्न्दभ में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन एवं स्पष्टीकरण इस प्रकार हैं।
1. यह सत्र “अनुदान एवं परामर्श सत्र” के स्थान पर ‘युग सन्धि के विशिट अनुदान सत्र होंगें। प्राणप्रत्यावर्तन सत्र, चान्द्रायण व ब्रह्मवर्चस् साधनासत्रों के संयुक्त स्व रुप जैसें होंगे।
2. इसका लाभ सभी नैष्ठिक ‘प्रज्ञापुत्र’ प्राप्त कर सकेंगे। ‘नैष्ठिक प्रज्ञापुत्र’ वे हैं जो मिशन द्वारा निर्धारित युग साधना के लिए अपने समय, प्रभाव, प्रतिभा एवं साधनों का योगदान उल्लेखनीय स्तर पर नियमित रुप से, सतत करते चले आ रहे हैं। ऐसे प्रज्ञा पुत्र यदि युग सन्धि की नैष्ठिक साधना को शर्ते पूरी नहीं कर पा रहें हैं वे भी इन सत्रों का लाभ लें।
3. विशिष्ट अनुदान सत्रों में जो अनुदान दिए जाने वाले हैं, वे ऐसे गरिष्ठ, पौष्टिक भोजन जैसे होंगे, जिन्हें भरपूर श्रम किये बिना हजम नहीं किया जा सकता। युग साधना में श्रम समय अथवा साधनों के योगदान को त्रीव सक्रियता ही वह व्यायामहै जो इन दिव्य अनुदानों को पचाकर साधक को आत्मबल-ब्रह्मवर्चस् सम्पन्न बना सकती हैं इसीलिए यह शर्त अनिवार्य हैं।
4. आवेदनों में अपनी उपासना एवं युग साधना के अनुदानों का संक्षिप्त पर स्पष्ट विवरण अवश्य दें।
5. इन सत्रों की विशेषताएँ इस प्रकार होंगी -
(1) सत्र के हर साधक कों प्रारम्भ में प्रायशिचत्त विधान कराया जायगा।
(2) हिमालय की आध्यात्मिक गुणसर्म्बधक जड़ीबूटियों का क्वाथ चाय की तरह दिया जाएगा।
(3) भोजन में दो बार हविष्यान एवं मूँग की दाल का ही सेवन कराया जायगा। उसके अतिरिक्त कुछ भी खनें पर प्रतिबन्ध रहेगा, विशेष आवश्यकता पड़े तो संचालकों से परामर्श एवं स्वीकृति प्राप्त करके ही समाधान निकाला जा सकेगा।
(4) शक्ति संचार सम्बन्धी ध्यानधारणा स्वयं पूज्य गुरुदेव नित्य करायेंगे।
(5) साधक का स्तर देखकर उसके लिए, विशेष साधनाओं-तपश्चर्याओं का निर्धारण सत्राो में किया जायेगा।
(6) इन सत्रों का अनुशासन कड़ा रहेगा, इसलिए शरीर से जर्जर व्यक्ति, बालक, महिलाओं को साथ लाने वाले, उनका लाभ न उठा सकेंगें।
(7) हरिद्वार, ऋषिकेश, के दर्शनिय स्िलों के भ्रमण को अनुशासन बद्ध व्यवस्था रहेगी। उसी के अर्न्तगत घूमने की सुविधायें भी रहेंगें। मनमोजी ढ़ग से घूमने को छूट नहीं होगी।
(8) इन सत्रों को विस्तृत विवरण 28 सितम्बर के साप्ताहिक में भी देखा जा सकता हैं।