गायत्री विद्या सम्बन्धी अपूर्व साहित्य

March 1953

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गायत्री संस्था की ओर से एक लम्बे समय से अत्यन्त ही महत्वपूर्ण खोज की गई है। हजारों प्राचीन ग्रन्थों का मंथन करके गायत्री सम्बन्धी समस्त जानकारियों का संकलन, देशव्यापी गायत्री उपासकों के अनुभवों का संग्रह, महान तपस्वियों एवं विद्वानों का सहयोग, रहस्यमय सिद्ध पुरुषों की खोज, स्वयं की कठोर तपश्चर्याओं का अनुभव, उपलब्ध ज्ञान का अनुभव, उपलब्ध ज्ञान का प्रयोग एवं परीक्षण करके जो जानकारी एकत्रित की गई हैं उसे पुस्तकों के रूप में प्रकाशित कर दिया गया है। यह साहित्य अनेक दृष्टियों से अत्यन्त ही महत्वपूर्ण एवं अपूर्व है। इस पथ के पथिकों के लिए वह अनुभवी गुरु का काम देता है। देश भर के विद्वानों, महात्माओं, योगियों एवं अध्यात्म प्रेमियों ने एक स्वर से इस साहित्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की हैं।

बड़ा सैट

1-गायत्री महाविज्ञान (प्रथम भाग) सर्वसाधारण के लिए गायत्री विद्या की जानकारी नियमोपनियम, साधन विधि, अनुष्ठान, हवन तथा अनेक प्रयोजनों के लिए गायत्री के अनेक प्रयोगों का विस्तृत वर्णन।

2-गायत्री महाविज्ञान (द्वितीय भाग) गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री उपनिषद्, गायत्री रामायण, गायत्री तन्त्र, चौबीस गायत्री सहस्रनाम आदि का श्लोकों और अर्थों सहित संग्रह।

3-गायत्री महाविज्ञान (तृतीय भाग) गायत्री द्वारा 84 प्रकार की रहस्यपूर्ण, गुप्त एवं चमत्कारी योग साधनाओं का विस्तृत वर्णन।

4-गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार- अनेकों साधकों के अपनी-2 गायत्री साधना में प्राप्त हुए महान अनुभवों का उन्हीं की लेखनी से वर्णन।

5-सचित्र गायत्री शिक्षा- गायत्री के 24 अक्षरों में 24 महान सिद्धान्त छिपे हुए हैं। उनको समझने के लिए 24 श्लोक, 24 लेख, 24 कविता तथा आर्ट पेपर पर छपे हुए 26 तिरंगे चित्र।

6-गायत्री चित्रावली- गायत्री माता के ध्यान करने योग्य, आर्ट पेपर पर छपे हुए 24 तिरंगे चित्र तथा उनका पूरा परिचय।

7-गायत्री का मंत्रार्थ- गायत्री के एक-एक अक्षर की विस्तृत शास्त्रीय व्याख्या और अनेक ऋषियों के किए हुए अनेक प्रकार के अर्थों संग्रह।

छोटा सैट

जो व्यक्ति उपरोक्त पुस्तकों नहीं खरीद सकते उनके लिए उपरोक्त ज्ञान को संक्षिप्त रूप से निम्नलिखित छोटी पुस्तकों में भी छाप दिया गया है।

गायत्री ही कामधेनु है।

गायत्री का वैज्ञानिक आधार

गायत्री की सर्व सुलभ साधना

वेद शास्त्रों का निचोड़ गायत्री

गायत्री के 14 रत्न- प्रथम भाग

गायत्री के 14 रत्न- द्वितीय भाग

अनादि गुरु मंत्र गायत्री

विपत्ति निवारिणी गायत्री

स्त्रियों का गायत्री अधिकार

सचित्र गायत्री

धर्मार्थ वितरण करने योग्य-

सर्व शक्तिमान गायत्री 2- गायत्री चालीस 3-पूजा के योग गायत्री का रंगीन चित्र।

उपरोक्त पुस्तकों का मूल्य कागज छपाई पृष्ठ संख्या आदि की दृष्टि से सस्ता ही रखा है। फिर भी इनकी बिक्री से जो थोड़ा सा लाभ होता है वह किसी व्यक्ति को प्राप्त न होकर गायत्री संस्था को ही मिलना है। मूल्य में कमी के लिए लिखा-पढ़ी करना बिल्कुल व्यर्थ है। हाँ, 6 रु. से अधिक मूल्य की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च अपना लगा दिया जाता है।

पता- अखण्ड ज्योति प्रेस, मथुरा।


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