गीत संजीवनी-14

इस तरह से रामनवमी

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इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए।
राम की शिक्षाओं को, जीवन में लाना चाहिए॥

राम का आदर्श जीवन, सीख हमको दे रहा।
आके इस दुनियाँ में कुछ, करके दिखाना चाहिए॥
इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए॥

मातु, पितु औ गुरु की सेवा, और आज्ञा के लिए।
समझकर कर्तव्य, तन, मन, धन लगाना चाहिए॥
इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए॥

भाइयों से प्रेम और, मित्रों से सच्ची मित्रता।
प्रेम हो जिसमें गले, उसको लगाना चाहिए॥
इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए॥

विभीषण से नेक बन्दे, ही हमारे मित्र हों।
कुम्भकरण, रावण से दुष्टों को, मिटाना चाहिए॥
इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए॥

दुर्गुणों को त्यागकर हम, राममय हो जायेंगे।
इस धरा पर राममय, दुनियाँ बसाना चाहिए॥
इस तरह से रामनवमी, को मनाना चाहिए॥

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