तुम तो यही कहीं
तुम तो यही कहीं गुरुवर, मेरे आस- पास हो।
आते नज़र नहीं पर, मेरे साथ- साथ हो॥
बहते पवन के झोंके, अहसास ये दिलाये।
संग- संग हो हमारे, महसूस ये कराये॥
मधुबन में बाबा आज भी करते निवास हो॥
हमको तो ये यकीं है, तेरे साथ चल रहे है।
तेरी दुआ से बाबा, अब भी पल रहे है॥
बच्चों को अपने प्यार, देते सकास हो॥
आती है हमको आज भी, साकार उपासना।
रोशन तुम्हीं से बाबा, हर दिल की आसना॥
बन करके ज्ञान चन्द्रमा, देते प्रकाश हो॥