उदारता और दूरदर्शिता

आश्रितों के प्रति उदारता

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

जैसा हम ऊपर लिख चुके हैं कि अपने से बड़े और समान स्थिति वालों के साथ तो लोग प्राय: सज्जनता का, उदारता का व्यवहार करना आवश्यक समझते हैं, पर छोटे लोगों के साथ अपने नौकरों और सेवकों के साथ वे सज्जनता का व्यवहार करना ठीक नहीं समझते । अनेक लोगों का तो यह ख्याल होता है नौकरों के साथ ऐसा नरमी का या सौजन्य पूर्ण व्यवहार करने से वे स्वेच्छाचारी और निरंकुश हो जाते है । जिन व्यक्तियों को हमने रुपया देकर अपने आराम के लिए नौकर रखा है, उनके साथ सौजन्य की क्या आवश्यकता ? अगर दे अपना काम ठीक ढंग से और मेहनत से न करेंगे अथवा आज्ञापालन में ढील-ढाल दिखलायेंगे तो अवश्य उनको दण्ड दिया जायगा । हमने बहुत से लोगों को देखा है कि नौकरों से जब कभी बात करेंगे तो त्यौरी चढ़ाकर और कड़े शब्दों में ही बोलेंगे । वे लोग नौकरों से मीठी बोली में बोलना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं । कितने ही अहंकारी, रईस, अमीर नामधारी भले नौकरी को भी डाँटते-डपटते ही रहते हैं और अनेक तो नौकरों को पीट देना भी अपना अधिकार समझते हैं पर क्या इस प्रकार के व्यवहार से वास्तव मैं कोई लाभ होता है ? इसका परिणाम सदैव बुरा ही निकलता है । ऐसे कठोर और दुष्ट प्रकृति के मालिक से नौकर सदैव असंतुष्ट रहते हैं, उसके विरुद्ध आपस में षड्यंत्र रचते रहते हैं और जब कभी अवसर मिलता है तो उसे हानि भी पहुँचा देते है ।

बंगाल के एक विद्वान और नेता श्रीभूदेव मुखापोध्याय अपने नौकरों के साथ बड़ी शिष्टता और दया का व्यवहार करते थे । उनकी पत्नी ने एक बार कहा था- मैं समझती हूँ कि नौकर लोग घर के लड़कों की अपेक्षा भी अधिक दया और उदारता के पात्र होते हैं । लड़के तो बराबर हमारे पास रहते हैं और जब जो चाहते हैं पा जाते हैं । हम लोग बराबर उन्हें सुखी रखने की चेष्टा करते हैं । वे जब बीमार होते हैं तो हम रात-दिन उन्हीं के पास बैठे रहते हैं । पर जब नौकर बीमार होकर कष्ट के मार 'हाय-हाय' चिल्लाता है तब उसकी रक्षार्थ उसके माँ-बाप उसके पास थोड़े ही आ सकते हैं । उस समय हम लोगों को भी उनके साथ माँ-बाप का सा व्यवहार करना चाहिए । नौकर पर पूरा विश्वास करके तुम बहुत करते हो घर की ताली उसके सुपुर्द कर देते हो, किन्तु वह तो तुम्हारी दया के भरोसे अपने प्राण तक तुम्हें सौंप देता है ।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118