उदारता के गुण का दूरदर्शिता से एक प्रकार का विशेष सम्बन्ध है । जब हम अनायास किसी अनजान व्यक्ति के साथ भलाई करते हैं, तो इसमें हमको या दूसरों को कोई निकटवर्ती लाभ या उपयोग नहीं जान पड़ता । बहुत से मनुष्यों को तो इस प्रकार दूसरों की सेवा या सहायता के कार्य व्यर्थ की बेगार की तरह ही जान पड़ते हैं, पर दूरदर्शी मनुष्य भली प्रकार जानता है कि इस प्रकार जो कार्य शुद्ध भलाई की भावना से किया जायगा उसका शुभ परिणाम आगे चलकर किसी न किसी रूप में हमको अवश्य मिलेगा । जिस प्रकार खेती करते समय किसान उत्तम अनाज के दानों को मिट्टी में मिला देता है और उस समय प्रत्यक्ष रूप से यही दिखलाई पड़ता है कि वे अनाज के दाने व्यर्थ में नष्ट हो गये, पर कुछ समय बाद वे ही दाने अनेक ने होकर किसान को प्राप्त होते हैं । यही प्रात निष्काम भाव से की गई भलाई की समझना चाहिए । उसका शुभ फल किसी न किसी रूप में हमको मिलना अनिवार्य होता है ।