अपने घर में छोटा गायत्री पुस्तकालय स्थापित करके अपने सारे परिवार को स्वजन सम्बन्धित तथा मित्रों को पढ़ाने योग्य चार-चार आना मूल्य की अत्यन्त सुन्दर, सस्ती, बढ़िया ग्लेज कागज पर तिर सुन्दर टाइटलों की (26+26=52) पुस्तकें चार चार आना मूल्य की छापी गई हैं। गायत्री महाविद्या की अत्यन्त महत्वपूर्ण साधना से अधिकाधिक लोगों को परिचित कराने तथा इस महामन्त्र के एक-एक अक्षर में सन्निहित नैतिकता, मानवता, धार्मिकता, एवं आध्यात्मिकता की शिक्षाओं का विचार करने के लिए यह सैट बहुत ही उपयोगी है। प्रत्येक गायत्री प्रेमी अपने घर में इस सैट की स्थापना करके गायत्री पुस्तकालय चलाने का श्रेय लाभ कर सकता है।
गायत्री साधना विषयक पुस्तकें गायत्री के एक एक अक्षरों की व्याख्या पर पुस्तकें
(1) गायत्री महात्म्य(1) ईश्वर का विराट् रूप
(2) गायत्री की दिव्य शक्ति (2) ब्रह्मज्ञान का प्रकाश
(3) गायत्री द्वारा आत्मोत्कर्ष (3) शक्ति की उपयोगिता
(4) गायत्री की सिद्धियाँ (4) धन का सदुपयोग
(5) गायत्री द्वारा भौतिक सफलताएं (5) आपत्तियों में धैर्य
(6) गायत्री से व्याधि नाश (6) नारी की महानता
(7) गायत्री से संकट निवारण (7) गृह लक्ष्मी की प्रतिष्ठा
(8) गायत्री साधना के चमत्कार (8) प्रकृति का अनुसरण
(9) गायत्री के ब्रह्मा साक्षात्कार (9) मानसिक सन्तुलन
(10) गायत्री की सुलभ साधना (10) सहयोग और सहिष्णुता
(11) स्त्रियों का गायत्री अधिकार (11) इन्द्रिय संयम
(12) गायत्री और यज्ञोपवीत (12) पवित्र जीवन
(13) गायत्री की 24 शिक्षाएं (13) परमार्थ और स्वार्थ
(14) गोपनीय गायत्री मंत्र (14) सर्वतोमुखी उन्नति
(15) गायत्री यज्ञ का महत्व (15) ईश्वरीय न्याय
(16) यज्ञ और भारतीय संस्कृति (16) विवेक की कसौटी
(17) गायत्री हवन पद्धति (17) जीवन और मृत्यु
(18) सामूहिक यज्ञ योजना (18) धर्म की सुदृढ़ धारणा
(19) गायत्री के जगमगाते हीरे (19) प्राणघातक व्यसन
(20) गायत्री उपासना (20) सावधानी और सुरक्षा
(21) अनादि गुरु मंत्र गायत्री (21) उदारता और दूरदर्शिता
(22) गायत्री से योग साधना (22) स्वाध्याय और सत्संग
(23) सचित्र गायत्री (23) आत्म कल्याण का मार्ग
(24) गायत्री सहस्रनाम (24) समाज के प्रति कर्तव्य
(25) मनुष्य जीवन की सार्थकता (25) शिष्टाचार और सहयोग
(26) विश्वव्यापी संकट का गायत्री से समाधान (26) साँस्कृतिक पुनरुत्थान।
आज ही 13) भेजिए और अपने घर में छोटा गायत्री पुस्तकालय स्थापित कीजिए।
अखण्ड ज्योति प्रेस, मथुरा।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
वर्ष 21 सम्पादक - आचार्य श्रीराम शर्मा अंक 02