महाप्रभु ईसामसीह के उपदेश

April 1952

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(पवित्र ‘बाईबल’ से)

-तु अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम रख।

-मत्ती 22

-जब कोई तुम्हें उत्सव में बुलावे तो मुख्य जगह न बैठो! ऐसा न हो कि उसने तुमसे भी किसी बड़े को न्यौता दिया हो। उसने तुम्हें और उसे दोनों को न्यौता दिया है आकर तुमसे कहे कि इसको जगह दो, और तब तुम्हें लज्जा खाकर सबसे नीची जगह बैठना पड़े। पर जब तुमको बुलाया जाय तो सबसे नीची जगह जा बैठो कि जब वह जिसने तुम्हें न्यौता दिया है, आये तो तुमसे कहे कि- हे मित्र! आगे बढ़कर बैठो, तब तुम्हारे साथ बैठने वालों के सामने तुम्हारी बड़ाई होगी, क्योंकि जो कोई अपने आपको बड़ा बनायेगा वह छोटा किया जायगा और जो अपने आपको छोटा बनायेगा वह बड़ा किया जायगा।

-लूका 14

-मैं तुम से सच कहता हूँ कि भण्डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सबसे बढ़कर डाला है क्योंकि सब ने अपनी बढ़ती में से कुछ-कुछ डाला है। पर इसने अपनी घटी में से जो कुछ उसका था अर्थात् अपनी सारी जीविका डाल दी है।

-मरकुस 12।

-तुम दिन का या रात का भोजन करो तो अपने मित्रों या भाइयों या कुटुम्बियों या धनवान पड़ोसियों को न बुला लो, ऐसा न हो कि वे तुम्हें न्यौता दें और तुम्हारा बदला हो जाये। पर जब तुम भोजन करो तब कंगालों, टुण्ठों, लँगड़ों और अन्धों को बुलाओगे तब तुम धन्य होंगे क्योंकि उनके पास तुम्हें बदला देने को कुछ नहीं।

-लूका 14

-धन्य हैं वे जो धर्म के कारण सताये जाते हैं। स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।

-मत्ती 5

-धन्य हो तुम जब मनुष्य मेरे लिए तुम्हारी निन्दा करें और सतायें और झूँठ बोलते हुये तुम्हारे विरोध में सब तरह की बुरी बातें कहें तब तुम आनन्द मगन रहो। तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है। उन्होंने उन नबियों को जो तुमसे पहले हुए थे इसी रीति से सताया था।

-मत्ती 5

-मैं तुम्हें भेड़ों की तरह भेड़ियों में भेजता हूँ सो साँपों की तरह बुद्धिमान और कबूतरों की तरह भोले बनो। पर लोगों से चौकस रहो, क्योंकि वे तुम्हें महासभाओं में सौंपेंगे और अपनी पंचायतों में तुम्हें कोड़े मारेंगे। मेरे नाम के कारण सब लोग तुमसे बैर करेंगे, पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा उसी का उद्धार होगा।

-मत्ती 10

-जो शरीर को घात करते हैं पर आत्मा को घात नहीं कर सकते उनसे नहीं डरना और उसी से डरो जो आत्मा और शरीर दोनों का नरक में नाश कर सकता है।

-मत्ती 10

-विश्राम का दिन मनुष्य के लिये ठहराया गया है न कि मनुष्य विश्राम के दिन के लिये। मनुष्य का पुत्र विश्राम के दिन का भी प्रभु है।

-मरकुस 2

-कोरे कपड़े का पैबन्द पुराने पहरावन पर कोई नहीं लगाता क्योंकि वह पैबन्द पहरावन से और कुछ खींच लेता है और फट जाता है।

-मत्ती 9

-यह न समझो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूँ, मैं मिलाप कराने को नहीं तलवार चलाने को आया हूँ। मैं तो आया हूँ कि मनुष्य को उसके पिता से और बेटी को उसकी माँ से और बहू को उसकी सास से अलग कर दूँ। मनुष्य के बैरी उसके घर के ही लोग होंगे। जो माता या पिता को मुझ से अधिक प्रिय जानता है वह मेरे योग्य नहीं, और जो बेटा या बेटी को मुझसे अधिक प्रिय जानता है वह मेरे योग्य नहीं, और अपना क्रूस लेकर मेरे पीछे नहीं चले वह मेरे योग्य नहीं। जो अपना प्राण बचाता है वह उसे खोयेगा और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है वही उसे बचायेगा।

-मत्ती 10


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here: