—”हमेशा दूसरों की नेकी और भले का ख्याल रखो, किसी की बुराई स्वप्न में भी मत सोचो। किसी को फरेब और जाल में फँसाकर धोखा मत दो। किसी के साथ असभ्यता से पेश मत आओ, हमेशा नेक चलन रहो।”
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—खुद को कमजोर मत समझो, निर्भयता से आगे बढ़ते रहो। तुममें वह शक्ति है कि दुनिया के बड़े से बड़े दुश्मन तुम्हें परास्त नहीं कर सकते।”