भूगर्भ दृष्टा योगी

March 1951

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आकाश और पृथ्वी के बीच में अनेक आश्चर्यजनक वस्तुएँ हैं, जिनका मनुष्य को कुछ भी ज्ञान नहीं है। किन्तु कभी-कभी जब ऐसी घटनायें हो जाती हैं तो वैज्ञानिक इन घटनाओं का कारण जानने के लिए उतावले बन जाते हैं।

ऐसी ही एक आश्चर्यजनक घटना जो देखने में आई है वह पचास वर्षीय योगी श्री0 जीवराम व्यास के विषय में है। जोकि एक मील गहराई तक धरती के भीतर निहित वस्तुओं को देख लेते हैं। इन योगीराज को जनता ‘पानी वाला महाराज’ के नाम से पुकारते हैं। वैज्ञानिक अभी तक ‘ऐक्सरे’ को केवल कैमरा तथा माँस मज्जा इत्यादि तक की वस्तु समझते रहे हैं। किन्तु इन योगी महाराज की दिव्य दृष्टि (ऐक्सरे निगाह) ने वैज्ञानिकों को भी चमत्कृत कर दिया। इन योगी महाराज की इस दिव्य दृष्टि के कुछ चमत्कार नीचे दिये जाते हैं।

दिल्ली छावनी के निकट तिहाड़ नामक गाँव में पानी वाले महाराज ने एक स्थान बताया था, जहाँ अब एक बड़ा पम्प लगा हुआ है, जो सैकड़ों गैलन पीने का पानी देता है।

पानी वाले महाराज ने राजपुरा उन्नति बोर्ड को जो स्थान बताये थे, वहाँ अब दो नलदार कुँए बने हुये हैं।

प्रधान मन्त्री के कहने से फरीदाबाद उन्नति बोर्ड ने पानीवाले महाराज को ऐसे स्थान बताने के लिए बुलाया था, जहाँ नलदार कुँए बनाये जा सकें। विज्ञानवेत्ता यह कह चुके थे कि वहाँ पानी नहीं निकल सकता। परन्तु अब वहाँ आठ नलदार कुँए प्रति घण्टे लगभग 34000 गैलन पानी दे रहे हैं।

समुद्री से 18 मील की दूरी पर दुन्दारा नामक गाँव में भी एक नलदार कुँआ बराबर पानी दे रहा है। यह कुँआ अभी पानी वाले महाराज द्वारा बताये गये स्थान पर बनाया गया था।

जयपुर में नलदार कुँए बनवाने के लिए पानी वाले महाराज ने जितने स्थान बताये, उन सभी से पानी निकला।

हाल ही में उन्होंने बढ़बान के समीप एक शुष्क क्षेत्र में पानी का पता लगाया है, जहाँ पर एक बड़ा भारी कुँआ बनाया जा रहा है। सौराष्ट्र में झील के सूखे मैदान में भी उन्होंने पानी ढूंढ़ निकाला है। यहाँ भी शीघ्र एक कुँआ बनाया जायगा।

उनका पानी देखने का ढँग बड़ा विचित्र है। कभी तो वे किसी क्षेत्र विशेष के मानचित्र पर हाथ फेरते हैं और पिन छेद कर बता देते हैं कि इस स्थान पर पानी निकलेगा और कभी कमरे में बैठे हुए या मोटर कार में जाते हुए पृथ्वी के भीतर कुछ धुँधलापन देखकर, वे केवल पानी की मात्रा ही नहीं यह भी बता देते हैं कि यहाँ पानी मीठा निकलेगा या खारा, और उनकी भविष्य वाणी बिल्कुल ठीक उतरती है।-नवभारत से।

इन महाराज की दिव्य दृष्टि ने सरकार को प्रभावित किया है। माननीय पं॰ नेहरु और श्री के.एस. मुंशी ने अपने वक्तव्यों में इनकी अद्भुत शक्ति को सराहा है और आशा प्रकट की है कि उनके सहयोग से राजस्थान की मरु भूमि को जल सिंचित करके हरा-भरा बनाया जा सकेगा।

योग शक्ति का यह एक चमत्कार अनायास ही सामने आ गया है। ऐसे अनेकों चमत्कारों की शक्ति आध्यात्मिक साधना के सिद्ध पुरुषों में होती है। इस भारत भूमि में प्राचीन काल में अनेक योग शक्ति सम्पन्न महापुरुष थे अब भी ऐसे कितने आत्मशक्ति सम्पन्न महापुरुषों का साक्षात्कार किसी-किसी को हो जाता है।


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