Quotation

October 1949

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प्रार्थना कृपा और विरोध का तब तक कोई अर्थ नहीं होता जब तक उनके पीछे दृढ़ शक्ति न हो।

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अपनी संकल्प शक्ति की वृद्धि करो संकल्पशक्ति की वृद्धि करने का नाम ही प्रार्थना है। प्रार्थना में ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा सारी रुकावटों पर विजय प्राप्त हो जाती है।

-लोकमान्य तिलक


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