जो तुम दूसरों से चाहते हो उसे पहले तुम स्वयं करो।
-रामकृष्ण परमहंस
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पैसे के लालच से किया गया विवाह, विवाह नहीं, एक नीच सौदा है। -महात्मा गाँधी
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शास्त्र का मुख से उच्चारण करना लाभकारी नहीं है। लाभकारी तो शास्त्र पर अमल करना है।
-महात्मा गाँधी
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जो मनुष्य मार कर डर से गाली खा कर बैठा रहता है, वह न तो मनुष्य है और न पशु।
-महात्मा गाँधी