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January 1949

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ब्रह्म वस्तु (वीर्य) जब हमारे पास है, तभी तो आनन्द प्राप्त होता है, नहीं तो रमणी के देह में तो कुछ भी नहीं है। जो चीज देह से निकलते समय क्षण काल के लिये इतना आनन्द दे जाती है यदि उसका देह में रखा जाय तो कितने आनन्द की प्राप्ति हो सकती है।


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