जिन विश्वासों की प्रेरणा से मनुष्य सन्मार्ग की ओर अग्रसर होता है। उन विश्वासों की धारणा ही बुद्धिमानी है।
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शस्त्र युद्ध में विजय प्राप्त करने की अपेक्षा आत्म जय करने में अधिक वीरता है।
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दुनिया में बुराई की कालिमा अधिक है पर वह भलाई की उज्ज्वलता से अधिक नहीं है। यदि यहाँ भलाई की अपेक्षा बुराई अधिक होती तो कोई भी प्राणी इस संसार में रहना पसंद न करता।
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पाप का प्रायश्चित-पश्चाताप है। पश्चाताप का अर्थ है-पाप की पुनरावृत्ति न करना।