दूसरों का सौभाग्य देख कर ईर्ष्या मत करो। दुनिया में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो तुम्हारा स्थान पाने के लिए लालायित हैं।
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वह मनुष्य विवेकवान है जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है।
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दानी होने से पहले विचारवान बनना अत्यन्त आवश्यक है। बिना विचारे अनाधिकारी को दान देना धन का दुरुपयोग करना है।
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