सच्चे चिकित्सक गोल्डस्मिथ

March 1945

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(लेखिका- श्रीमती प्रीतम देवी महेन्द्र, साहित्य रत्न)

सुप्रसिद्ध अंग्रेजी कवि गोल्डस्मिथ ने अपने प्रारम्भिक काल में डाक्टरी सीखी थी और चिकित्सा से ही धनोपार्जन करते थे। वह बड़े उदार हृदय व्यक्ति थे और अपने पड़ोसियों को सहायता करने को सदैव प्रस्तुत रहते थे। उनके पास जो कुछ होता था उसमें सभी का भाग रहता था।

एक दिन एक स्त्री उनके चिकित्सालय में आई और कहा कि “मेरे पति देव अत्यन्त बीमार हैं आप चल कर उनकी अवस्था देख लीजिए, वे कुछ भी नहीं कर सकते। जब तक आप चिकित्सा न करेंगे, वे पुनः स्वस्थ न हो सकेंगे। “गोल्डस्मिथ ने हैट उठाया और उस निर्धन स्त्री के साथ चल पड़े। वे जब गृह में प्रविष्ट हुए तो उन्हें गरीबी का भयंकर ताण्डव दृष्टिगोचर हुआ। गृहस्वामी को काफी दिनों से कोई मजदूरी प्राप्त न हुई थी। घर में दाना था न लकड़ी।

इन से वार्तालाप करने के पश्चात् गोल्डस्मिथ गृहस्वामिनी की ओर आकृष्ट होकर बोले- सायंकाल मेरे हास्पिटल में आओ तो मैं तुम्हें औषधि दूँगा, जिससे तुम्हारे पति का लाभ हो जाएगा।

उसी सायंकाल को स्त्री उसके चिकित्सा में पहुँची और गोल्डस्मिथ ने उसे एक छोटा सा डिब्बा दिया जो कि काफी भारी था। वह बोले-लो, इस बक्से में तुम्हारे पति की औषधि है। इसी में दवाई सम्बन्धी अन्य आवश्यक बातों की सूचनाएँ भी हैं। यदि तुम सावधानी से प्रयोग में लाओगी तो पुनः तुम्हारे पति भले चंगे हो जायेंगे।

स्त्री चली गई। उसे गोल्डस्मिथ की चिकित्सा पर भरोसा था। अपने पति के पलंग के पास बैठ गई और बक्सा खोला। वह रुपयों से भरा था और एक कागज के टुकड़े पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था-

“आवश्यकता के समय प्रयोग में लाया जाय।” यह धन गोल्डस्मिथ के घर की समस्त पूँजी थी। दूसरे दिन का खर्च चलाने के लिए उन्हें पड़ौसी से उधार लेना पड़ा था।

प्रत्येक को अपनी ही उन्नति में सन्तुष्ट न रहना चाहिए, बल्कि सबकी उन्नति में अपनी, उन्नति समझना चाहिए।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118