वाल्टर कार्नेलियस (kahani)

August 1977

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

लटविया में 55 वर्ष पहले पैदा हुए वाल्टर कार्नेलियस को दुनिया का सर्वाधिक बलवान व्यक्ति माना जाता है। इन दिनों वह ब्रिटेन में पीटखौरो में लोगों को तैराकी सिखाता है। अब तक 46 बार उसने तैराकी की विश्व चैम्पियनशिप जीती है। लोहे की मोटी से मोटी राड को वह स्प्रिंग की तरह मोड़ देता है। उसकी देह किसी पुष्ट साँड़ जैसी है और पर्याप्त श्रम तथा व्यायाम से उसे भूख भी जमकर लगती है। उसका आहार है ताजी घास। उसने आज तक न तो दूध पिया, न घी लिया, न मक्खन खाया, न मेवा, न रोटी खाई, न कोई व्यंजन।

प्रारंभ में वाल्टर कार्नेलियस ने आर्थिक अभाव के कारण घास खाना शुरू किया। पर जब अभ्यास के बाद यही उसका एक मात्र आहार है। वह चारागाह में स्वयं ही पहुंच जाता है। और वहीं घास काट काटकर गुच्छे के गुच्छे रखता जाता है। फिर इत्मीनान से बैठ जाता है। अपनी सभ्यता का एक प्रभाव उसमें आहार सम्बन्धी भी शेष है। वह काँटे और छुरी की सहायता से घास काटता है और खाता जाता है। खाकर मस्त हो जाता है। तब पानी पीता है।

वाल्टर का जब कही से बुलावा आता है, तो वह पहले यह पता लगाकर आश्वस्त हो लेता है कि यहाँ आसपास बढ़िया स्वच्छ चरागाह है या नहीं।

माँस और औषधियां का गुण गान करने वाले और मेवा, मिष्ठानों में शक्ति तलाश करने वाले यदि वनस्पति आहार की महिमा समझ सके होते और उसका ठीक प्रकार उपयोग करते तो बलिष्ठता का वह भण्डार सहज ही हस्तगत हो जाता , जिसके लिए मनुष्य तरसता ही रहता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118